Delhi Metro: My Metro

 Hindi Language

https://hindilanguage09.blogspot.com/2023/02/delhi-metro-my-metro.html

दिल्ली मेट्रो: मेरी मेट्रो

       जैसे-जैसे हम 22 वी शताब्दी की ओर बढ़ते जा रहे हैं। वैसे-वैसे हमारा जीवन विभिन्न सत्रों पर सीमित सा होता दृष्टिगोचर होता है। बढ़ती जनसंख्या के कारण महानगरों में कई समस्याओं ने अपना विकराल रूप धारण कर लिया है तथा वे सुरसा के मुख के समान निरंतर बढ़ती ही जा रही है। उनमें सर्वप्रथम समस्या यातायात की समस्या है। रेल, कार, स्कूटर ,साइकिल तथा रिक्शा आदि यातायात के अनेक साधन होते हुए भी यातायात की समस्या का उत्पन्न होना आश्चर्यजनक दिखाई पड़ता है। इस समस्या के समाधान के लिए दिल्ली की यातायात व्यवस्था को व्यवस्थित करने का श्रेय मेट्रो रेल सेवा को जाता है। दिल्ली की बढ़ती जनसंख्या चर्मराती परिवहन व्यवस्था तथा बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए मेट्रो रेल सेवा का परिचालन अत्यावश्यक हो गया था।

आधुनिक भारतीय महानगर 

      दिल्ली मेट्रो आधुनिक भारतीय महानगर का एक प्रतिष्ठित प्रतीक है।इसने परिवहन के एक विश्वसनीय, कुशल और किफायती मोड की पेशकश करते हुए दिल्लीवासियों के शहर में घूमने के तरीके को बदल दिया है।मेरा मेट्रो, जैसा कि मैं इसे कॉल करना पसंद करता हूंँ। मेरे दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है।

       दिल्ली मेट्रो को 2002 में लॉन्च किया गया था और तब से यह 285 स्टेशनों के साथ 390 किमी से अधिक की 10 लाइनों के विशाल नेटवर्क में विकसित हो गया है।मेट्रो शहर की जीवन रेखा है। जो दिल्ली के सभी कोनों से लोगों को जोड़ती है और उनके लिए काम, स्कूल या अन्य स्थानों पर आना-जाना आसान बनाती है।

समय की पाबंदी

      दिल्ली मेट्रो की एक चीज जो मुझे पसंद है वह है समय की पाबंदी।ट्रेनें हमेशा समय पर होती हैं और मुझे कभी भी कुछ मिनटों से ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा।  यह दिल्ली की सड़कों पर अप्रत्याशित और अक्सर अव्यवस्थित यातायात के विपरीत है।मेट्रो की अपनी समर्पित गलियाँ और सुरंगें हैं जो इसे यातायात जाम और भीड़-भाड़ से मुक्त बनाती हैं।

    दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन का पंजीकरण

          सन् 1995 ई. में केंद्र सरकार तथा दिल्ली सरकार ने संयुक्त रूप से डी. एम .आर. सी(D.M.R.C) अर्थात दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन का पंजीकरण करवाया। सन् 1996 ई. में 12.5 किलोमीटर लंबाई वाली इस योजना को स्वीकृति मिल गई। 24 दिसंबर 2002 को दिल्ली वासियों के लिए सुनहरा दिन था।जब उनका चिर आकांक्षित एक सुखद सपना साकार हुआ।           इस दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई ने अपने कर कमलों द्वारा दिल्ली के प्रथम मेट्रो ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर शाहदरा से तीस हजारी के मध्य चलने वाली इस चिर प्रतिक्षित परियोजना का प्रारंभ किया। फिर इसका विस्तार बरनाला तक हुआ। निकट भविष्य में दिल्ली के आसपास के नगरों को भी मेट्रो से जोड़ने की योजना है ।इस सेवा का लाभ प्रतिदिन लगभग 4800000 यात्री उठा सकेंगे।

    https://hindilanguage09.blogspot.com/2023/02/delhi-metro-my-metro.html

    मेट्रो के तीसरा रूट

           मेट्रो के तीसरे रूट बाराखंबा रोड से द्वारका तक का उद्घाटन 30 दिसंबर 2005 को प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह द्वारा किया गया। एक जनवरी 2006 से जनसाधारण के लिए खोल दिया गया। इसमें 22 स्टेशन तथा द्वारिका से बाराखंबा रोड की दूरी केवल आधे घंटे में पूरी की जा सकती है। इसके प्रारंभ होने से तीनों रूट की मेट्रो आपस में जुड़ गई हैं। राजीव चौक का स्टेशन लिंक स्टेशन बनाया गया है। 

            यहां से यात्री दूसरी मेट्रो रेल पकड़ सकते हैं यदि किसी को द्वारिका से रोहिणी जाना हो। तो मेट्रो रेल द्वारा राजीव चौक से, राजीव चौक से अंतरराष्ट्रीय बस अड्डा तथा बस अड्डे से मेट्रो पकड़ कर रोहिणी पहुंचा जा सकता है। यह पूरी यात्रा एक ही टोकन से पूरी हो जाती है ।एक जानकारी के अनुसार दिल्ली मेट्रो द्वारा 2021 तक 245 किलोमीटर लंबी रेल लाइनें तैयार करने की योजना बनाई गई है। इस योजना के पूरी होने से दिल्ली के हर क्षेत्र में मेट्रो सेवा होगी।

    परिवहन में सुधार 

            इससे न केवल परिवहन में सुधार हुआ है बल्कि पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।मेट्रो बिजली से चलती है जो ऊर्जा का स्वच्छ और नवीकरणीय स्रोत है।  इससे शहर के कार्बन पदचिह्न और वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने में मदद मिली है।

    रोजगार के अवसर

           मेट्रो ने कई लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा किए हैं।ट्रेन संचालकों से लेकर सुरक्षाकर्मियों तक मेट्रो ने बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार दिया है।इससे अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और कई परिवारों के जीवन स्तर में सुधार करने में मदद मिली है।

            यह मूल रूप से एक सार्वजनिक क्षेत्र परियोजना है। जिससे अर्थव्यवस्था की अनेक क्षेत्र लाभान्वित होंगे ।इसका अर्थ होगा कि सड़कों पर चलती बसों में से 26 सौ बसें कम होंगी।

      यात्रियों के लिए अधिक आरामदायक तथा सुरक्षित सफर होगा।

    वातावरण के प्रदूषण में 50% की कमी होंगी।

     दुर्घटनाएं कम होंगी।

    Hindi Language

     मेट्रो रेल सेवा की विशेषताएं

           दिल्ली मेट्रो विश्व की आधुनिक रेल सेवा है। यह सभी प्रकार की सुविधाओं से संपन्न है ।स्टेशन में दाखिल होने तथा बाहर निकलने के लिए पर्याप्त दरवाजे तथा चौड़ी सीढ़ियां है। यह व्यवस्था इस प्रकार से की गई है कि आपातकाल में कम से कम समय में यात्रियों को बाहर निकाला जा सके ।मेट्रो की रेल की समस्त कार्य प्रणाली स्वचालित है ।यात्रियों की सुविधा के लिए सभी डिब्बों स्टेशनों तथा भूमिगत स्टेशनों पर उचित वातावरण का प्रबंध किया गया है। बातानुकूलन  का प्रबंध किया गया है। इस की पटरी कहीं जमीन पर कहीं जमीन के नीचे तथा कहीं जमीन के ऊपर खंबे खड़े करके बिछाई गई है। सुरंगों में भी आवश्यक हवा का योग्य प्रबंध किया गया है।

    यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित

            मैं दिल्ली मेट्रो के बारे में जिन चीजों की सराहना करता हूंँ। उनमें से एक सुरक्षा पर इसका ध्यान है।  मेट्रो अधिकारियों ने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी स्टेशनों पर सी.सी. टी.वी कैमरे, मेटल डिटेक्टर लगाने और सुरक्षा कर्मियों को तैनात करने सहित कई उपाय किए हैं।इसने मेट्रो को महिलाओं, बच्चों और बुजुर्ग यात्रियों के लिए परिवहन का एक सुरक्षित और सुरक्षित साधन बना दिया है।

    भारत के अन्य शहरों के लिए

           दिल्ली मेट्रो ने भारत के अन्य शहरों के लिए भी मिसाल पेश की है।दिल्ली मेट्रो की सफलता से प्रेरित होकर मुंबई, बैंगलोर और चेन्नई सहित कई अन्य शहरों ने अपने स्वयं के मेट्रो सिस्टम लॉन्च किए हैं।इससे इन शहरों में परिवहन और कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने में भी मदद मिली है।

    सभी स्टेशनों पर आधुनिक सुविधाएं

             सभी स्टेशनों पर आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है। रेलों के आवागमन की सूचना सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली द्वारा की जाती है। स्टेशनों पर ऑप्टिकल फाइबर लाइन द्वारा दूरसंचार प्रणाली का प्रबंध किया गया है ।विभिन्न काउंटर पर यात्रियों के लिए एक नवीकरण स्मार्ट कार्ड उपलब्ध है। जिनका बार-बार प्रयोग किया जा सकता है। यह कार्ड ₹100, ₹200, तथा ₹500 में उपलब्ध है ।एक कार्ड एक साल तक वैद्य होते हैं। स्मार्ट कार्ड का सबसे बड़ा लाभ यह है कि हर बार टिकट लेने के लिए पंक्ति में नहीं लगना पड़ता। यह सुविधा दैनिक यात्रियों के लिए अत्यंत सुविधाजनक है। इसके अतिरिक्त यात्री के लिए सिंगल टोकन की भी व्यवस्था है। प्रवेश तथा निकास के लिए माइक्रोप्रोसेसर दरवाजे बनाए गए हैं ।वृद्धों तथा अपंगों व्यक्तियों के लिए लिफट की विशेष व्यवस्था है ।प्रत्येक स्टेशन पर खाने-पीने की दुकानें , न्यूज़पेपर एवं बुक स्टाल, पॉइंट दवाई की दुकानें, ए टी एम तथा संचार केंद्र भी हैं।

    Hindi Language

    मेट्रो की सुरक्षा व्यवस्था

           मेट्रो की सुरक्षा व्यवस्था भी आधुनिक ढंग से की गई है यदि सुरंग में आग लग जाए तो उस स्थिति से निपटने के लिए एक बड़ी पाइपलाइन बिछाई गई है। जिसमें परेशर युक्त पानी हर समय उपलब्ध रहता है। इसी प्रकार वेंटिलेशन के लिए बड़े तथा भारी पंखे लगे हुए लगाए गए हैं। निरंतर बिजली सप्लाई के लिए लाइन को भी घरों से जोड़ा गया है ।इसके अतिरिक्त आपातकाल के लिए बिजली जनरेटर की भी व्यवस्था है। सुरक्षा के लिए भूमिगत स्टेशनों पर लगभग 30 कैमरे लगे हैं। इनका सीधा संपर्क केंद्रीय नियंत्रण कक्ष से होता है। मेट्रो स्टेशन के अंदर तथा बाहर दिल्ली पुलिस के जवान एवं निजी सुरक्षा गार्ड तैनात किए गए हैं।

    मेट्रो रेल सेवा को सफल बनाना

          मेट्रो रेल सेवा को सफल बनाने के लिए नागरिक नागरिकों को चाहिए कि वे इसे सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी पंक्ति में खड़े हो।

     कम से कम समान लेकर मेट्रो रेल में यात्रा करें।

     कूड़ा इधर उधर ना फैंक कर सिर्फ कूड़ेदान का प्रयोग करें।

            यह ध्यान रखें कि गाड़ी केवल स्टेशन पर 30 सेकंड तक रूकती है। शराब पीकर यात्रा ना करें ।अपनी वस्तुओं का स्वयं ध्यान रखें ।बिना टोकन स्मार्ट कार्ड के यात्रा न करें। मेट्रो रेल के दरवाजे को बलपूर्वक ना खोलें। सह- यात्रियों के साथ सहयोग करें। पालतू जानवरों को स्टेशन पर न लाए। मेट्रो रेल की छत पर न चढ़े। वृद्धों तथा अंगों के लिए  बनाई लिफ्ट का प्रयोग ना करें। स्टेशन या रेल पर पोस्टर न चिपकाए। प्लेटफार्म पर बनी पीली लाइन को न फांदे।

    मेट्रो रेल अत्यंत आधुनिक सुविधाओं से पूर्ण

           मेट्रो रेल अत्यंत आधुनिक सुविधाओं से पूर्ण रेल है ।जिसने दिल्ली के यातायात को नियंत्रित करने में क्रांतिकारी रूप से परिवर्तित कर दिया है ।दूसरे राज्यों के लोग जब भी दिल्ली आते हैं तो मेट्रो की सैर करना नहीं भूलते।

         मेट्रो की कहानी मेट्रो की ज़बानी

           मैं मेट्रो हूंँ। दिल्ली की मेट्रो रेल। आपको लाल किला, कुतुब मीनार या इंडिया गेट देखना है, तो चलिए मेरे साथ! मैं आपको अक्षरधाम, बिरला मंदिर, कमल मंदिर, जामा मस्जिद ,गुरुद्वारा बंगला साहिब, शीश गंज साहिब जैसे किसी भी धार्मिक स्थल की सैर करा सकती हूंँ।

            आपको अगर खरीदारी करनी है तो चांँदनी चौक, कनॉट प्लेस ,करोल बाग चलिए मेरे साथ! गाड़ी पकड़ने नई दिल्ली स्टेशन या हवाई यात्रा करने हवाई अड्डा चलना है, तो मैं आपकी सुविधा से पहुँचा सकती हूंँ। मैं अलग-अलग स्टेशनों पर सुबह 6:00 बजे से लेकर रात के 11:00 बजे तक हमेशा आपके लिए तैयार रहती हूंँ।

              दिल्ली में हो रहे किसी मैच को देखना है, तो जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम ,शिवाजी स्टेडियम, फिरोज शाह कोटला मैदान मैं खुशी-खुशी आपको ले चलूंँगी।

       मेट्रो का शानदार सफर

            मेरा सफर आपको शानदार लगेगा। वातानुकूलित। न धुआँ ,न धूल, न वाहनों की पीं-पीं, पों-पों ।आपको घूमने का पूरा मजा आएगा। मैं कहीं फूलों पर दौड़ती हूंँ,तो कहीं अचानक सुरंग में घुस जाती हूंँ। कहीं सपाट जमीन पर दौड़ने लगती हूंँ। आपको कभी झटके जा हिचकोले नहीं खाने दूंँगी, जैसे कई बार सड़कों पर खाने पड़ते हैं।

               मेरे स्टेशन भी तीन जगह देख सकते हैं- आकाश में ,जमीन पर और पाताल में! अरे, घबरा गए न! तो सुनो- पताल में मेरा एक स्टेशन तो जमीन से 100 फुट तक नीचे है। वह है -चावड़ी बाजार का स्टेशन ।पुल पर चलते समय मैं कई बार इतनी ऊंँचाई पर पहुंँच जाती हूंँ कि सड़कों पर बने फ्लाईओवर भी मेरे नीचे से गुजरते हैं। है न चौंकाने वाली बात!

            मेरी पूरी कोशिश रहती है कि मेरे सवार को कोई परेशानी न हो। आप बस किसी भी मेट्रो स्टेशन पहुंँचिए , आपकी सेवा में स्वचालित सीढ़ियां हाजिर हैं। कमजोरों, बुजुर्गों के लिए लिफ्ट का प्रबंध है। यदि आप स्वस्थ है और आगे भी स्वस्थ रहना चाहते हैं। तो इस सीढियों का प्रयोग करना सबसे अच्छा है। स्टेशन पर पहुंँच कर 'टोकन या स्मार्ट कार्ड खरीदें ।इन्हीं के द्वारा प्रवेश और निकास होगा ।स्टेशन पहुंँचने के पहले केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों द्वारा सुरक्षा जांँच की जाती है ।ताकि आप बेफिक्र होकर यात्रा कर सके। हर स्टेशन पर छपे हुए रूटमैप उपलब्ध है।

          फिर भी यदि कोई जानकारी आपको चाहिए या कोई परेशानी हो तो आपकी सेवा के लिए हर स्टेशन पर ग्राहक सेवा के 'ग्राहक सेवा केंद्र' है। हर स्टेशन पर प्राथमिक चिकित्सा का प्रबंध है ।विकलांगों को गाड़ी के अंदर तक छोड़ने के लिए भी एक ह्रवील चेयर यानि कुर्सियों की व्यवस्था है।

        स्टेशन पर ही पेट पूजा का प्रबंध

            आपको भूख सताए तो स्टेशन पर ही पेट पूजा का प्रबंध है ।लेकिन कृपया मुझे गंदा मत करना ।खाने के बाद ही मेरे पास आना। सफर के दौरान अगर रुपयों की आवश्यकता है ।तो लगभग हर स्टेशन पर बैंकों की ए.टी.एम मशीनें उपलब्ध है। उनका सदुपयोग करें। पटेल चौक मेट्रो स्टेशन पर मेट्रो रेल का संग्रहालय भी है। इसे जरूर देखना चाहिए। तब पता लगेगा कि दिल्ली में मेट्रो रेल चलाने के लिए कैसी-कैसी बाधाएँ पार करनी पड़ी।

             प्लेटफार्म पर पहुँचना

             अब आप प्लेटफार्म पर पहुंँचिए। आने वाली गाड़ी कितने मिनट बाद आएगी और कहांँ जाएगी, यह सब आप सूचनापट्ट को देख कर जान जाएंँगे। आपको पीली रेखा के बाहर ही खड़े रहना है। मेरे आते ही ऑटोमेटिक दरवाजे खुल जा सिमसिम की तरह खुलेंगे और बंद होंगे।

           आप बस आराम से सवार हो जाइए। महिलाओं के लिए गाड़ी के जाने की दिशा में पहला डिब्बा आरक्षित है ।अन्य डिब्बों में भी कुछ सीटें महिलाओं, बुजुर्गों एवं विकलांगों के लिए आरक्षित हैं। हर डिब्बे में भरपूर रोशनी साफ-सफाई है जिस स्टेशन पर गाड़ी पहुंँचती है। उसके नाम की उद्घोषणा पहले ही कर दी जाती है। 

          संकट की स्थिति में चालक से सीधे बात

                संकट की स्थिति में चालक से सीधे बात की जा सकती है। इतनी सुविधा होने के उपरांत भी कई बार मुझे दुख होता है कि कुछ लोग नियमों का पालन नहीं करते ।कुछ युवा फर्श पर बैठ जाते हैं। संगीत बजाते हैं ।नाचते गाते हैं ।कभी-कभी लिफ्टों में भी दौड़ कर चले जाते हैं। 

          जिससे कमजोर एवं वृद्ध लोग जड़ नहीं पाते चढ़ते या उतरते समय धक्का-मुक्की भी करते हैं। इन बुराइयों को आप जैसे पढ़े-लिखे उत्साहित बच्चे ही समाप्त कर सकते हैं।

    मेरे जीवन का अभिन्न अंग

           अंत में दिल्ली मेट्रो मेरे जीवन का अभिन्न अंग बन गई है।इसने मेरे दैनिक आवागमन को आसान तेज और अधिक कुशल बना दिया है।  इसका पर्यावरण, अर्थव्यवस्था और शहर की सुरक्षा और संरक्षा पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।         दिल्ली मेट्रो सिर्फ परिवहन का साधन नहीं है बल्कि यह भारत की प्रगति और महान चीजों को हासिल करने की क्षमता का प्रतीक है।मुझे अपने मेट्रो पर गर्व है और मेरे जीवन में इसकी उपस्थिति के लिए आभारी हूंँ।बावजूद इन सबके ने दिल्ली की शान तो हूँ ही।तो आइए, मेरी सवारी कीजिए। आपको घूमने से खुशी मिलेगी और मुझे घुमाने से!

    Hindi Language

    Read More

    amar-shaheed-bhagat-singh.





    एक टिप्पणी भेजें

    0 टिप्पणियाँ