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Hindi Moral Values Stories (Part-6)
सच्चा वायदा 🦌🌳
एक समय की बात है। एक जंगल में एक हिरनी 🦌 अपने परिवार के साथ रहती थी। वह अपने बच्चों और पति से बहुत प्यार करती थी ❤️। एक दिन पानी पीने के लिए वह नदी 🌊 की ओर जा रही थी। नदी पास ही थी। चलते-चलते वह एक बड़े पेड़ 🌳 के पास पहुंची। अचानक उसने एक शिकारी 🏹 को देखा। वह डर गई 😨।
शिकारी के पास तीर और धनुष थे। जैसे ही उसने तीर चलाने की तैयारी की, हिरनी बोली, "मुझे मत मारो।"
🦌 पानी पी लेने दो
शिकारी ने पूछा, "क्यों? क्या बात है?"
हिरनी ने कहा, "तुम मुझे मारकर खाना चाहते हो। यह ठीक है। लेकिन पहले मुझे थोड़ा पानी पी लेने दो। मैं अपने बच्चों को प्यार कर, अपने पति को सौंपकर आना चाहती हूं। फिर मैं निश्चिंत होकर आ जाऊंगी।"
शिकारी ने कहा, "अगर तुम वापस नहीं आई तो? मैं तुम्हारा विश्वास क्यों करूं?"
हिरनी मुस्कुराई 😊 और बोली, "हम जानवर हैं। जो भी वायदा करते हैं। उसे निभाते हैं। यही हमारी पहचान है।"
🦌 हिरनी का वायदा
शिकारी ने हिरनी की बात मान ली। हिरनी दौड़ी-दौड़ी नदी 🌊 गई। पानी पीकर वह अपने घर 🏡 पहुंची। उसने पूरी बात अपने पति हिरण 🦌 को बताई। हिरण यह सुनकर बहुत दुखी हुआ 😔।
हिरण बोला, "तुम्हारे बिना घर चलाना मुश्किल होगा। तुम्हारी जगह मैं चला जाता हूं।"
हिरनी बोली, "नहीं, मैंने वायदा किया है, इसलिए मुझे ही जाना होगा। बच्चों, तुम अपने पिता का ध्यान रखना।"
बच्चे बोले, "मां, हम आपके बिना नहीं रह सकते। जहां आप जाएंगे, हम भी वहीं चलेंगे।"
हिरनी ने कहा, "ठीक है हम सब साथ चलेंगे।"
🦌 शिकारी के पास पहुंचना
शिकारी उनकी राह देख रहा था। कुछ देर बाद हिरनी 🦌 अपने पूरे परिवार के साथ शिकारी के पास पहुंची। उसने कहा, "मैं अपना वायदा निभाने आई हूं। लेकिन मेरे परिवार ने भी मेरे बिना न रहने का फैसला किया है। अब तुम हमें एक साथ मार सकते हो।"
🏹 शिकारी का बदलता दिल
शिकारी ने उनके प्यार ❤️ और वफादारी को देखा। उसका दिल पिघल गया। उसने धनुष-बाण नीचे रख दिए और शर्म से सिर झुका लिया 🙏। वह चुपचाप अपने घर लौट गया 🏡।
हिरनी को अपने वायदे को पूरा करने की खुशी 😊 थी। सबसे बड़ी बात यह थी कि उसका परिवार अब सुरक्षित था।
शिक्षा 📝-
अगर हम किसी से कोई वायदा करें, तो उसे पूरा करना चाहिए। वायदा निभाना ही सच्चाई और ईमानदारी है। ❤️
शहद वाली मधुमक्खी 🐝
विजय और शीतल के घर के बाहर एक सुंदर फूलों का बगीचा 🌸🌼 था। एक दिन दोनों बच्चे वहां पकड़म-पकड़ाई खेल रहे थे। खेलते-खेलते उन्होंने फूलों पर मंडराती एक मधुमक्खी 🐝 को देखा। वह कभी इस फूल पर बैठती तो कभी उस फूल पर। विजय और शीतल ने हैरानी से एक-दूसरे की ओर देखा। तभी उन्हें किसी के ठहाके मारकर हंसने की आवाज़ 😂 सुनाई दी।
मधुमक्खी का परिचय 🐝
"अरे, इधर-उधर क्यों देख रहे हो? मैं तो यहीं हूं!" मधुमक्खी ने कहा। विजय और शीतल ने देखा कि एक मधुमक्खी उनके सामने पंख फैलाए खड़ी थी। वह मुस्कुराते हुए बोली, "बच्चों! जानते हो, मैं कौन हूं? मैं हूं शहद की मक्खी 🐝, वही मक्खी जो शहद बनाती है जिसे तुम मज़े से खाते हो।"
🐝 मधुमक्खी का शरीर
मधुमक्खी ने कहा, "हम बहुत छोटे होते हैं। हमारे शरीर पर छोटे-छोटे बाल और पंख होते हैं, जो हमें उड़ने में मदद करते हैं। हमारी दो आंखें 👀 होती हैं, जिनमें लगभग 6000 लेंस होते हैं। हमारे पास नाक और कान नहीं होते। उनकी जगह सिर पर जादुई एंटीना 🤗 होता है, जिससे हम सुनते और सूंघते हैं। हमारे छोटे-छोटे पैर सफाई, कटाई और चीजों को खींचने में काम आते हैं। पीछे के पैरों में छोटे-छोटे थैले होते हैं। जिनमें हम फूलों का पराग इकट्ठा करते हैं।"
🐝 सामाजिक जीवन
"हमारा सामाजिक जीवन बहुत रोचक होता है। हम अकेले नहीं रहते। हमारा एक बड़ा समूह होता है। हम छत्ता 🏠 बनाकर रहते हैं। हर छत्ते में एक रानी मक्खी 👑 होती है, जो अंडे देती है। रानी मक्खी आकार में सबसे बड़ी होती है और हम सब उसके निर्देश मानते हैं।"
🐝 रानी मक्खी की देखभाल
"सर्दियों में ठंड से बचने के लिए हम सब रानी मक्खी के आसपास घेरा बनाकर रहते हैं। बसंत के मौसम में वह अंडे देती है। हम सब मिलकर छत्ता बनाते हैं। कुछ मक्खियां भोजन लाती हैं और कुछ छत्ता बनाने का काम करती हैं।"
🐝 शहद कैसे बनता है?
"जानते हो शहद कैसे बनता है? हम फूलों का रस चूसते हैं और उसे अपने मुंह में इकट्ठा करते हैं। हमारी लार 🌸 रस को गाढ़े, मीठे और खुशबूदार शहद में बदल देती है। जब हम फूलों का रस चूसते हैं, तो फूलों का पराग हमारे पेट में चला जाता है। यह पराग मोम 🕯️ में बदल जाता है। जिससे हम छत्ता बनाते हैं।"
🐝 छत्ते का रहस्य
"हमारे छत्ते में एक जैसे आकार के छह कोनों वाले कई कमरे 🛏️ होते हैं। इन कमरों में हम शहद इकट्ठा करते हैं। रानी मक्खी 🐝 इन कमरों में अंडे देती है, जिससे हमारी संख्या बढ़ती है।"
🐝 शत्रु से बचाव
"अगर कोई शत्रु हमारी ओर आता है, तो हमारे शरीर से एक गंध निकलती है। यह गंध अन्य मधुमक्खियों को सतर्क 🚨 कर देती है। हम सब मिलकर शत्रु पर डंक 🗡️ से हमला करते हैं। हमारा डंक बहुत विषैला होता है।"
🐝 हमारी उपयोगिता
"हमसे मधु (शहद) और मोम मिलता है। शहद बहुत पौष्टिक और स्वादिष्ट होता है। बच्चे, बूढ़े और जवान सभी इसे पसंद करते हैं। मोम का उपयोग मोमबत्ती 🕯️ और सौंदर्य प्रसाधन बनाने में होता है। पुराने समय में लोग अपने कीमती सामान हमारे छत्ते में छुपाते थे, ताकि चोर न चुरा सके।"
🐝 शिक्षा
मधुमक्खी ने कहा, "बच्चों! देखा, मैं कितनी मेहनती और उपयोगी हूं। तुम भी मेरी तरह कड़ी मेहनत करना सीखो।"
विजय और शीतल मधुमक्खी की बातें सुनकर बहुत खुश हुए 😊।
शिक्षा 📝-
हमें मधुमक्खी 🐝 की तरह मेहनती और संगठित रहना चाहिए। मेहनत का फल मीठा होता है। 🍯
पंच परमेश्वर (सहज भाषा में और इमोजी के साथ)
📜 कहानी की शुरुआत
अलगू चौधरी और जुम्मन शेख 👫 पक्के दोस्त थे। उनकी दोस्ती पर पूरे गांव का भरोसा था। जब जुम्मन हज पर गए, तो उन्होंने अपना घर अलगू के भरोसे छोड़ दिया। अलगू भी जब कहीं जाते, तो अपना घर जुम्मन को सौंप जाते। 🌟
🏠 जुम्मन की बूढ़ी खाला की समस्या
जुम्मन की एक बूढ़ी खाला 👵 थी। उसके पास थोड़ी-सी जमीन और घर था। उसने सबकुछ जुम्मन के नाम कर दिया क्योंकि जुम्मन ने वादा किया था कि वह उसकी देखभाल करेंगे।
लेकिन समय के साथ जुम्मन और उनकी पत्नी का व्यवहार बदल गया। जुम्मन की पत्नी रोज खाला को ताने देती और कहती, “बुढ़िया न जाने कब जाएगी। थोड़ी-सी जमीन देकर हमें खरीद लिया है क्या?” 😡
खाला ने बहुत सहन किया लेकिन जब पानी सिर से ऊपर चला गया, तो उसने जुम्मन से कहा, "मुझे कुछ पैसे दे दिया करो ताकि मैं अपना खाना खुद बना सकूं।"
जुम्मन ने बेशर्मी से जवाब दिया, "रुपए पेड़ पर थोड़ी उगते हैं।" यह सुनकर खाला बहुत दुखी हो गई और पंचायत बुलाने की धमकी दी। ⚖️
🌳 पंचायत की शुरुआत
शाम को गांव के पेड़ के नीचे पंचायत बैठी। खाला ने अपना दुख सुनाया और सरपंच चुनने की बात आई। खाला ने अलगू चौधरी को सरपंच चुना। यह सुनकर जुम्मन मन ही मन खुश हुआ क्योंकि वह अलगू को अपना दोस्त समझता था। 😊
अलगू ने बड़ी ईमानदारी से फैसला किया और कहा कि जुम्मन को हर महीने खाला को खर्चा देना होगा। यह सुनकर जुम्मन को बहुत गुस्सा आया। उसने अलगू को अपना दुश्मन मान लिया। 😠
🐂 अलगू और बैल की कहानी
अलगू के पास दो बैल 🐂🐂 थे। कुछ समय बाद एक बैल बीमार होकर मर गया। अब अकेले बैल का क्या काम? अलगू ने उसे समझू साहू को बेच दिया। समझू ने वादा किया कि वह पैसे एक महीने में चुका देगा।
लेकिन समझू ने बैल का ठीक से ध्यान नहीं रखा, और बैल की मौत हो गई। 💔 जब अलगू ने अपने पैसे मांगे तो समझू और उसकी पत्नी गालियां देने लगे। मजबूर होकर अलगू ने पंचायत बुलाने का फैसला किया। ⚖️
🌳 दूसरी पंचायत
पंचायत फिर से बैठी। सरपंच चुनने की बारी आई, तो समझू ने जुम्मन का नाम लिया। अलगू का दिल धक-धक करने लगा। ❤️ लेकिन सरपंच बनने के बाद जुम्मन ने अपनी जिम्मेदारी को समझा। उसने सोचा, "मैं न्याय के आसन पर हूं, मुझे सच का साथ देना चाहिए।" 🌟
⚖️ फैसला और न्याय
जुम्मन ने पूरी बात सुनी और फैसला सुनाया, "समझू साहू को अलगू के बैल का पूरा पैसा चुकाना होगा, क्योंकि बैल स्वस्थ था और उसकी मौत समझू की लापरवाही के कारण हुई।" यह सुनकर अलगू खुशी से चिल्ला उठे, "पंच परमेश्वर की जय!" 🙌
✨ शिक्षा
इस कहानी से हमें सिख मिलती है कि न्याय हमेशा सत्य और ईमानदारी पर टिका होता है। चाहे दोस्ती हो या दुश्मनी, सही बात का साथ देना चाहिए। 👩⚖️
सबसे सुंदर बस्ता
📚 प्रिया और उसका सपना
प्रिया आठ साल की होनहार लड़की 👧 थी। वह चौथी कक्षा में पढ़ती थी और पढ़ाई के साथ-साथ हर काम में अच्छी थी।एक दिन स्कूल से लौटकर उसने अपनी मां से कहा, "मां, आज हमारी अध्यापिका ने कहा कि अगले हफ्ते सबसे सुंदर बस्ता देखने का मुकाबला होगा। 👜 जिसकी बस्ता सबसे सुंदर होगी, उसे एक प्यारी सी गुड़िया 🎎 इनाम में मिलेगी।"
प्रिया ने जोश से कहा, "मुझे वो इनाम चाहिए, मां!"
🌸 सुंदर बस्ते का विचार
मां ने मुस्कुराते हुए कहा, "मेरे पास एक सुंदर कपड़े का टुकड़ा है। उस पर फूल 🌼 और बेल-बूटे बने हुए हैं। मैं इससे तुम्हारे लिए एक सुंदर बस्ता बना दूंगी।"कपड़ा देखकर प्रिया खुश हो गई और ताली बजाकर बोली, "मां, जल्दी से बना दीजिए!" 🥰
🏫 स्कूल में तैयारी
अगले दिन स्कूल में सभी लड़कियां नए-नए और अलग-अलग बस्ते लेकर आईं। प्रिया ने सोचा कि अगर वह अपना बस्ता स्कूल ले जाएगी तो गंदा हो सकता है। इसलिए उसने नया बस्ता घर पर ही रखा।
आखिरकार, इनाम का दिन भी आ गया। सब लड़कियां अपना-अपना बस्ता लेकर स्कूल जा रही थीं। 🌟
🛤️ रास्ते में प्रिया और सहेली
स्कूल जाते समय, प्रिया और उसकी सहेली ने रास्ते में एक भीड़ देखी। 🤔 वहां एक बूढ़ी स्त्री 👵 जमीन पर बैठी थी। उसके शरीर से खून बह रहा था, और मक्खियां उसके घावों पर बैठी थीं। बूढ़ी स्त्री कमजोर थी और बार-बार लोगों से कह रही थी, "कृपया मेरे घाव ढक दो।" 😢
लेकिन कोई भी उसकी मदद नहीं कर रहा था।
❤️ प्रिया का बड़ा दिल
प्रिया को उस बूढ़ी स्त्री पर बहुत दया आई। 💔 वह सोचने लगी कि काश वह घर के पास होती तो कपड़ा ले आती। तभी उसकी नजर अपने बस्ते पर पड़ी।
प्रिया ने जल्दी से बस्ते से किताबें निकालीं 📖 और बस्ते के टांके खोल दिए। अब बस्ता एक बड़ा सुंदर रुमाल 🌼 बन चुका था। उसने वह रुमाल बूढ़ी स्त्री के घावों पर डाल दिया।
🏫 स्कूल में देरी और कहानी
प्रिया देर से स्कूल पहुंची। वहां अध्यापिका बस्तों की जांच कर रही थीं। उन्होंने पूछा, "प्रिया, तुम्हारा बस्ता कहां है?" 🤨प्रिया ने हिम्मत करके पूरी घटना अध्यापिका को बताई। वह रुक-रुक कर सब कुछ कहती गई।
🎉 प्रिया का इनाम
अध्यापिका ने उसकी बात सुनकर कहा, "सबसे सुंदर बस्ता उस लड़की का नहीं है जो इसे साफ-सुथरा रखती है बल्कि प्रिया का है, जिसने अपना बस्ता एक घायल बूढ़ी स्त्री की मदद के लिए दिया।" 🌟
उन्होंने प्रिया की पीठ थपथपाई 👏 और अलमारी से सुंदर गुड़िया निकालकर उसे दे दी। 🎎 सब बच्चों ने तालियां बजाईं। प्रिया की मां को भी उस पर गर्व हुआ। 🥹
✨ शिक्षा
हमें हमेशा दूसरों की मदद के लिए तैयार रहना चाहिए। सच्ची सुंदरता दूसरों की भलाई में होती है। 🌸
परमवीर सेनानी
(अब्दुल हमीद की कहानी)
गाँव और अब्दुल हमीद का सपना
पूर्वी उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव में एक दर्जी की दुकान पर अब्दुल हमीद बैठा रहता था। 🎽 वह दिल का बहुत बड़ा था और हमेशा कुछ खास करने का सपना देखता था।गाँव का ही एक युवक, कलुआ, फौज में था। जब वह छुट्टियों में गाँव आया, तो उसने अब्दुल से कहा, "फौज से अच्छी नौकरी कहीं नहीं। तुम भी फौज में क्यों नहीं जाते?" 💂♂️
परिवार की नाराजगी और शादी
अब्दुल ने जब अपने पिता (अब्बा) से फौज में जाने की बात की, तो वे नाराज हो गए। 😡 बोले, "हमारे घर का काम सिलाई है। फौज में जाने की बात मत करो।"
अब्बा ने सोचा कि अब्दुल का ध्यान घर पर रहे, इसलिए जल्दी-जल्दी उसकी शादी करा दी। 👰 उसकी पत्नी रसूलन भले स्वभाव की थी। 😊 जब उसने अपने पति की बेचैनी देखी तो बोली,
"अगर सूरमा बनना है, तो चुपके से फौज में चले जाओ। मैं मन से तुम्हारे साथ हूँ।"
फौज में भर्ती और युद्ध की शुरुआत
अब्दुल हमीद ने हिम्मत की और अब्बा से ननिहाल जाने का बहाना बनाकर फौज में भर्ती हो गया। 💪1962 में उसकी ट्रेनिंग पूरी हुई। उसी दौरान चीन ने भारत पर हमला कर दिया। अब्दुल हमीद भी मोर्चे पर गया।
युद्ध में हालात बहुत खराब थे। चीनी सैनिक भारी संख्या में चींटियों की तरह बढ़ रहे थे। 🐜 भारतीय सेना तितर-बितर हो रही थी।
अब्दुल ने लंबा रास्ता तय किया और अपने दो साथियों के साथ किसी तरह वापस आया। पर कलुआ युद्ध के दौरान शहीद हो गया। 🇮🇳
तिरंगे की झलक और युद्ध का अंत
एक दिन अब्दुल को दूर एक तंबू के बाहर भारत का तिरंगा झंडा दिखाई दिया। 🏳️🌈 वह घायल था लेकिन झंडा देखकर उसमें जान आ गई।वह वहाँ पहुँचा तो पता चला कि युद्ध खत्म हो चुका है और सैनिकों को घर जाने की छुट्टी मिल गई है।
जब अब्दुल घर पहुँचा, तो गाँव में खुशी का माहौल था। 🎉 पर कलुआ की माँ भागी-भागी आई और बोली, "मेरा बेटा कहाँ है?"अब्दुल ने सच्चाई छिपाने की बहुत कोशिश की लेकिन अंत में उसने कलुआ की बहादुरी और वीरगति की बात बता दी। 🌟
1965 का युद्ध और अब्दुल हमीद की वीरता
1964 में पंडित नेहरू की मृत्यु के बाद पाकिस्तान ने भारत पर हमला करने की योजना बनाई। 🛡️1965 में खेमकरण के खेतों में पाकिस्तानी टैंकों ने हमला शुरू कर दिया। अब्दुल हमीद जीप में सवार होकर अपनी गन लेकर तैयार था। 💥 उसने दुश्मन के कई टैंकों को तबाह कर दिया।
वीरगति और परमवीर चक्र
अब्दुल हमीद ने अकेले कई टैंकों को नष्ट किया। 🔥 पर अंत में दुश्मन के टैंक से निकली आग की चपेट में आकर वह गंभीर रूप से घायल हो गया।
उसने अपने प्राणों की आहुति दी लेकिन दुश्मनों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। 🇮🇳
मरने के बाद भारत सरकार ने उसे परमवीर चक्र से सम्मानित किया। 🎖️ उसकी वीरता की गाथा आज भी हर भारतीय को गर्व से भर देती है।
परिवार का बलिदान
अब्दुल हमीद की पत्नी रसूलन, उनके दो बेटे और एक बेटी को जब यह खबर मिली तो सबकी आँखों से आँसू बह निकले। 😢उनके बूढ़े माँ-बाप का दुःख शब्दों में नहीं बयाँ किया जा सकता। लेकिन उनका नाम हमेशा के लिए भारत के वीर सैनिकों में दर्ज हो गया। 🙌
शिक्षा
देश के लिए बलिदान देने वाले सच्चे वीर अमर रहते हैं। उनका जीवन हर किसी के लिए प्रेरणा है। 🇮🇳
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