Rafale- The Sky Warrior That Changed India's Air Power Forever!" ✈️🇮🇳
🌟राफेल जेट की पूरी कहानी-भारत का आसमान में ब्रह्मास्त्र🚀🇮🇳
🔰 एक तूफ़ान की तरह आया राफेल...
4 जुलाई 1986 को फ्रांस की कंपनी डसॉल्ट एविएशन (Dassault Aviation) ने एक ऐसा फाइटर जेट दुनिया को दिखाया, जिसकी रफ्तार और ताकत देखकर लोग दंग रह गए। हवा की तरह तेज़ यह जेट "हवा के झोंके" जैसा महसूस हुआ – और फ्रेंच भाषा में "हवा का झोंका" कहते हैं "Rafale". बस, यहीं से राफेल की कहानी शुरू होती है।
🇮🇳 भारत की ज़रूरत और राफेल का चयन
1996 के बाद भारत ने नए फाइटर जेट नहीं खरीदे थे। भारत के पास उस समय Sukhoi-30MKI थे, लेकिन तकनीक बहुत आगे निकल चुकी थी। इसलिए 2007 में भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने एक टेंडर जारी किया – MMRCA प्रोजेक्ट यानी Medium Multi-Role Combat Aircraft।
इसमें दुनिया के बेहतरीन फाइटर जेट्स थे:
अमेरिका का F-16 Fighting Falcon
रूस का MiG-35
स्वीडन का Gripen
यूरोपियन यूनियन का Eurofighter Typhoon
फ्रांस का Rafale
2011 तक सारे जेट्स की भारतीय वातावरण और जरूरतों के अनुसार टेस्टिंग की गई। दो जेट्स सबसे आगे निकले – Eurofighter और Rafale। 2012 में भारतीय वायुसेना ने राफेल को सबसे उपयुक्त पाया।
🤝 पहली डील और असफलता
भारत ने डसॉल्ट से 126 राफेल खरीदने का निर्णय लिया। इनमें से 108 राफेल भारत में ही बनाए जाने थे – HAL (Hindustan Aeronautics Limited) के साथ मिलकर। लेकिन HAL और Dassault के बीच तकनीकी और लागत विवाद शुरू हो गया।
HAL, फ्रेंच प्लान से तीन गुना ज़्यादा मानव संसाधन मांग रहा था, जिससे लागत बढ़ रही थी। इस वजह से डील नहीं हो सकी और ‘मेक इन इंडिया’ का सपना अधूरा रह गया।
🛡️ नई सरकार, नई शुरुआत
2014 में नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई। वायुसेना के अधिकारियों ने रक्षा मंत्रालय को बताया कि चीन और पाकिस्तान जैसे दो मोर्चों पर युद्ध (Two-Front War) की स्थिति में भारत तैयार नहीं है।
वायुसेना को 42 स्क्वाड्रन चाहिए थे लेकिन सिर्फ 28 ही मौजूद थे। हर स्क्वाड्रन में 16 फाइटर जेट और 2 ट्रेनर जेट्स होते हैं।
इन्हीं हालातों को देखते हुए 2015 में प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस यात्रा के दौरान 36 राफेल जेट्स की गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील की घोषणा की।
✈️ भारत और राफेल का पुराना रिश्ता
डसॉल्ट एविएशन का भारत से पुराना संबंध है।
1953 में भारत ने 71 ओरगन फाइटर जेट्स (तूफानी) लिए थे।
1957 में 104 Mystère IV A
1985 में 49 Mirage 2000, जिसने 1999 के कारगिल युद्ध और 2019 के बालाकोट एयर स्ट्राइक में अहम भूमिका निभाई।
इसलिए जब भारत ने राफेल खरीदा, तो पूरी दुनिया का ध्यान इस पर गया। कई देश जैसे कतर, मिस्र, यूएई, ग्रीस अब इसे अपना रहे हैं।
💰 राफेल की कीमत और विवाद
भारत ने 36 राफेल के लिए ₹59,000 करोड़ (7.87 बिलियन यूरो) खर्च किए। इनमें से:
28 सिंगल सीटर
8 डबल सीटर ट्रेनर जेट्स हैं।
पहली डिलीवरी 27 जुलाई 2020 को और आखिरी 15 दिसंबर 2022 को हुई।
दो स्क्वाड्रन बने:
17 स्क्वाड्रन – गोल्डन एरो, अंबाला (हरियाणा)
101 स्क्वाड्रन – फाल्कन्स, हाशिमारा (पश्चिम बंगाल)
विपक्ष ने डील पर सवाल उठाए। कहा गया कि HAL को हटाकर रिलायंस डिफेंस को फायदा पहुंचाया गया। कीमत ज्यादा बताई गई। लेकिन 14 दिसंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को क्लीन चिट दे दी।
🔧 इंडिया स्पेसिफिक मॉडिफिकेशन
भारत के लिए राफेल को विशेष रूप से संशोधित किया गया:
लेह-लद्दाख जैसी ऊंचाई पर ऑपरेशन के लिए इंजन में बदलाव
रेगिस्तान, तटीय और पहाड़ी इलाकों के लिए विशेष एन्हांसमेंट
एडवांस इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम
लंबी दूरी की Meteor, Scalp, Hammer मिसाइल
Infrared Sensors, AESA Radar, Electronic Jammer Pods
24,500 किलो पेलोड कैपेसिटी, 50,000 फीट उड़ान क्षमता, 2222 km/h स्पीड
🛳️ अब इंडियन नेवी के लिए राफेल एम
भारत अब 26 राफेल एम (Marine) खरीद रहा है, जिनमें:
22 सिंगल सीटर
4 डबल सीटर (ट्रेनिंग के लिए)
ये विशेष रूप से एयरक्राफ्ट कैरियर से उड़ान के लिए बनाए जा रहे हैं।
🛠️ भविष्य: भारत का अपना 5th जनरेशन जेट
आज दुनिया फिफ्थ जनरेशन फाइटर जेट्स पर काम कर रही है – जैसे:
अमेरिका – F-22 Raptor, F-35
चीन – J-20
रूस – SU-57
भारत भी पीछे नहीं है। DRDO का प्रोजेक्ट AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) भारत का अपना फिफ्थ जनरेशन फाइटर होगा। इसके लिए सरकार ने ₹15,000 करोड़ का बजट तय किया है।
🇮🇳 राफेल: भारत की ताकत, दोस्ती की मिसाल
राफेल सिर्फ एक लड़ाकू विमान नहीं, भारत और फ्रांस की दोस्ती का प्रतीक है। यह एक ऐसा ब्रह्मास्त्र है, जिसने भारत को एयर सुपीरियोरिटी, रक्षा शक्ति और आत्मविश्वास दिया है।
चीन हो या पाकिस्तान, अब भारत का आकाश अभेद्य है।
📌 निष्कर्ष:
राफेल ने भारत की सुरक्षा में एक नया अध्याय जोड़ा है
तकनीक, परफॉर्मेंस और रणनीतिक मजबूती – तीनों में अव्वल
यह सिर्फ एक डील नहीं, “आत्मनिर्भर भारत” की ओर एक कदम है
भविष्य में भारत के पास AMCA जैसे स्वदेशी फाइटर जेट्स होंगे
🇮🇳 जय हिन्द। भारत वायुसेना अमर रहे।
1 टिप्पणियाँ
gir gaya tumhara rafale
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