Hindi Moral Values Stories(Part-7)

  Hindi Language Learning With Stories 

Hindi Moral Values Stories(Part-7)

         छेद वाला मटका 🪣🌸
              (कहानी)

💧 बुढ़िया और उसके मटके
एक बार की बात है।भारत के एक छोटे से गाँव में एक बुढ़िया 👵 रहती थी। उसके पास दो बड़े मटके थे। हर दिन वह नदी से पानी भरने जाती और मटकों को घर तक लाती।एक मटका 💧 पूरी तरह से सही था।
दूसरा मटका 🪣 में एक छेद था। जिससे पानी रास्ते में गिर जाता था।

💔 मटके की परेशानी
छेद वाला मटका 🪣 हर दिन कम पानी घर पहुँचाने के कारण बहुत दुखी रहता था। एक दिन उसने बुढ़िया से कहा,
"मुझे माफ़ करना, मेरी वजह से आधा पानी रास्ते में गिर जाता है। मैं अपने आपको बेकार महसूस करता हूँ।"

😊 बुढ़िया की मुस्कान
बुढ़िया मुस्कुराई और बोली,
"मेरे प्यारे मटके, तुम्हें शर्मिंदा होने की ज़रूरत नहीं है। रास्ते में तुम्हारी तरफ देखो। तुमने कितने सुंदर फूल 🌸 उगाए हैं।"
बुढ़िया ने बताया,
"मैंने तुम्हारे छेद के बारे में पहले ही जान लिया था, इसलिए मैंने रास्ते में फूलों के बीज डाल दिए। जब तुम पानी गिराते हो।तो वह बीजों को सींचता है। इन फूलों से मैं अपना घर सजाती हूँ।"

🌸 फूलों की सुंदरता
छेद वाले मटके ने ध्यान से देखा और पाया कि उसकी तरफ रास्ते के किनारे सुंदर फूल 🌼 खिले थे। उसे अपनी अपूर्णता पर शर्मिंदगी नहीं बल्कि गर्व महसूस हुआ।

🌟 घड़े का नया दृष्टिकोण
उस दिन के बाद मटके 🪣 ने महसूस किया कि उसकी अपूर्णता एक वरदान है। उसने बुढ़िया के जीवन में सुंदरता और खुशी लाई थी। अब वह हर दिन पानी गिराने को बोझ नहीं बल्कि एक खुशी समझने लगा।

🪣 शिक्षा-
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि
हम सभी में खामियां होती हैं लेकिन यही खामियां हमें अनोखा और मूल्यवान बनाती हैं।
अपनी कमजोरियों को पहचानकर हम दुनिया में सुंदरता ला सकते हैं और अपनी जिंदगी में एक उद्देश्य खोज सकते हैं। 🌍✨

        🐪 ऊँट और 🦓 ज़ेबरा
                    (कहानी)

🌾 दोस्ती की शुरुआत
एक बार की बात है। एक बड़े मैदान में 🐪 ऊँट और 🦓 ज़ेबरा रहते थे। दोनों अच्छे दोस्त थे और हमेशा साथ-साथ घूमते, खेलते और अपना समय बिताते थे। उनके बीच बहुत अच्छी दोस्ती थी।
💪 घमंडी ऊँट
ऊँट बहुत घमंडी था। उसकी पीठ पर ऊँची कूबड़ थी और लंबी गर्दन उसे अलग दिखाती थी। उसे लगता था कि वह सबसे ताकतवर और सुंदर जानवर है। वह अपनी ताकत और ऊँचाई पर बहुत गर्व करता था।
😌 शांत ज़ेबरा
ज़ेबरा स्वभाव से शांत था। उसके शरीर पर काले और सफेद धारियाँ उसे खास बनाती थीं। वह बहुत तेज दौड़ सकता था और अपनी रफ्तार पर उसे गर्व था। ऊँट को ज़ेबरा का छोटा कद कमज़ोर लगता था लेकिन ज़ेबरा ने कभी इसका बुरा नहीं माना।
🌳 परेशानी में बंदर
एक दिन, दोनों मैदान में घूमते हुए एक पेड़ के पास पहुँचे। वहाँ उन्होंने देखा कि कई जानवर एकत्र हुए हैं। उत्सुकता से वे पास गए और देखा कि पेड़ की एक शाखा पर एक बंदर फँसा हुआ है। बंदर रोते हुए सबसे मदद की गुहार लगा रहा था। 🪤 वह एक शिकारी के जाल में फँस गया था।
🤝 मदद का फैसला
ऊँट और ज़ेबरा ने मिलकर बंदर की मदद करने का निर्णय लिया।ऊँट ने सोचा कि वह अपनी ताकत से जाल तोड़ देगा। उसने पूरा जोर लगाया लेकिन जाल नहीं टूटा।ज़ेबरा ने सुझाव दिया, "मैं पेड़ के चारों ओर तेज दौड़ लगाऊँगा जिससे पेड़ हिलेगा और जाल टूट जाएगा।"
😠 ऊँट का अभिमान
ऊँट को यह बात पसंद नहीं आई। उसे लगा कि उसकी ताकत के आगे ज़ेबरा की दौड़ कोई मायने नहीं रखती। लेकिन ज़ेबरा ने समझाया कि दोनों को मिलकर कोशिश करनी चाहिए।
🏃‍♂️ जाल तोड़ने की कोशिश
ज़ेबरा ने पेड़ के चारों ओर अपनी पूरी ताकत से दौड़ लगाई। पेड़ तेज़ी से हिलने लगा। ऊँट भी पीछे-पीछे दौड़ा और पेड़ को धक्का दिया। कुछ देर में जाल टूट गया और बंदर आज़ाद हो गया।
🎉 खुश बंदर और नई सीख
बंदर बहुत खुश हुआ और दोनों का धन्यवाद किया। ऊँट और ज़ेबरा ने महसूस किया कि अकेले उनकी ताकत या गति कुछ नहीं कर सकती थी लेकिन मिलकर काम करने से वे सफल हो गए।
❤️ मदद और दोस्ती का महत्व
इसके बाद ऊँट और ज़ेबरा ने तय किया कि वे हर किसी की मदद करेंगे। उन्होंने सीखा कि दोस्ती और सहयोग से हर मुश्किल का हल निकाला जा सकता है।
शिक्षा-
मिलकर काम करने से बड़ी से बड़ी समस्या हल हो सकती है।दोस्ती और सहयोग में अपार शक्ति होती है।
🌟 हमेशा एक-दूसरे की मदद करें और दुनिया को बेहतर बनाएं।
😊

            🐭 चूहे का चमत्कार
                   
🌾 गाँव और राम की कहानी

       एक समय की बात है। एक छोटे से गाँव में राम नाम का एक गरीब किसान रहता था। राम अपने खेत में सब्जियाँ उगाता था लेकिन उसकी आमदनी बहुत कम थी। उसके पास अच्छे बीज खरीदने के पैसे नहीं थे। इसलिए उसकी फसल ठीक से नहीं होती थी।

🕳️ खेत में चूहा
       एक दिन राम अपने खेत को खोद रहा था। तभी उसने देखा कि एक छोटा सा चूहा इधर-उधर भाग रहा है। पहले तो राम परेशान हुआ क्योंकि चूहे अक्सर फसलें खराब कर देते हैं। लेकिन उसने चूहे को मारने की बजाय ध्यान से देखा।

👀 चूहे का अजीब काम
       राम ने देखा कि चूहा छोटे-छोटे गड्ढे खोद रहा है और उनमें बीज डाल रहा है। यह देखकर राम हैरान रह गया। उसने सोचा, "क्या यह चूहा मेरी मदद कर रहा है?"

🌅 सुबह का नज़ारा
        अगले दिन सुबह राम खेत में पहुँचा। उसने देखा कि चूहे ने कई और गड्ढे खोदकर बीज डाल दिए हैं। राम ने उन गड्ढों को पानी दिया। कुछ दिनों बाद वहाँ पौधे उगने लगे। राम को समझ में आ गया कि चूहा उसकी मदद कर रहा है।

🥕 फसल की सफलता
      जल्दी ही राम के खेत में हरी-भरी सब्जियाँ उग आईं। राम ने उन्हें बाजार में बेचकर अच्छी कमाई की। उसने चूहे को धन्यवाद दिया और उसे अपना दोस्त मान लिया।

👨‍💼 व्यापारी की पेशकश
         एक दिन एक अमीर व्यापारी राम के खेत पर आया। उसने राम से खेत को ऊँची कीमत पर खरीदने की पेशकश की। लेकिन राम ने मना कर दिया। उसने व्यापारी को चूहे की मदद की बात बताई, पर व्यापारी इस पर हँसता हुआ चला गया।

🌪️ भयानक आँधी
       कुछ दिनों बाद गाँव में एक भयानक आँधी आई। सारे खेत बर्बाद हो गए लेकिन राम का खेत बचा रहा। राम ने चूहे की मदद से अपनी फसल सुरक्षित रखी थी।

🙏 लोगों की आस्था
     गाँव के लोग इस चमत्कार को देखकर हैरान थे। उन्होंने चूहे को भगवान का संदेशवाहक मान लिया। राम को भी चूहे की वजह से बहुत सम्मान मिला।

🤝 चूहे और राम की दोस्ती
       अब राम और चूहा साथ मिलकर काम करते हैं। राम का खेत पहले से भी ज्यादा सुंदर और हरा-भरा हो गया है। लोग उनकी दोस्ती की कहानी सुनते और राम के खेत की सब्जियों की तारीफ करते हैं।

🌟 शिक्षा-

छोटे से छोटे प्राणी भी बड़ी मदद कर सकते हैं।
दया और समझदारी से रिश्ते बनाए जाएं, तो चमत्कार हो सकते हैं।मिलजुल कर काम करने से बड़ी से बड़ी मुश्किल हल हो सकती है।

            🐺 नीला सियार
                     

🌳 जंगल की कहानी
     एक समय की बात है।भारत के एक घने जंगल में एक अनोखा सियार रहता था। उसका फर गहरे नीले रंग का था। जैसे साफ आसमान। इस अनोखे रंग के कारण वह बाकी सियारों और जानवरों से अलग दिखता था। उसे अपने रूप पर बहुत गर्व था और वह जंगल में इतराता हुआ घूमता था।

🦌 भूख और जानवरों का समूह
       एक दिन नीला सियार जंगल में घूमते हुए भूखा था। उसने देखा कि कुछ जानवर मिलकर एक हिरण को खा रहे हैं। वह दूर से उन्हें देख रहा था और उसकी भूख बढ़ती जा रही थी।

🏃 जानवरों का भागना और सौभाग्य
       जैसे ही वह उन जानवरों के पास पहुँचा। वे अचानक उसे देखकर डर गए और हिरण का बचा हुआ हिस्सा छोड़कर भाग गए। नीला सियार यह देखकर बहुत खुश हुआ। उसने हिरण के बचे हुए हिस्से को खाने का सोचा और जल्दी-जल्दी खाने लगा।

🤔 चिंता और युक्ति
        खाते-खाते उसे महसूस हुआ कि हिरण पर अन्य जानवरों की गंध है। उसने सोचा कि कहीं वे वापस न आ जाएँ और उसे पकड़ न लें। तब उसने एक चालाक योजना बनाई।

🐺 भेड़िया बनना
      नीला सियार जोर-जोर से भेड़ियों की तरह आवाज़ निकालने लगा। जब जानवर वापस आए। तो उन्होंने उसे भेड़िया समझ लिया। उन्होंने नीले सियार को अपने समूह में शामिल कर लिया।

🎭 भेष बनाए रखना
       नीला सियार अब भेड़िये जैसा दिखने और व्यवहार करने लगा। वह उनके साथ शिकार करता और उनके साथ उनकी गुफा में सोता। वह बहुत सावधान रहता था कि कोई उसकी सच्चाई न जान सके।

🐾 गीदड़ों से मुलाकात
         एक दिन शिकार के दौरान नीले सियार की मुलाकात गीदड़ों के एक समूह से हुई। वह खुशी से चिल्लाया ताकि वे उसे पहचान लें। लेकिन उसकी आवाज़ सुनकर भेड़ियों को समझ में आ गया कि वह असल में एक सियार है।

😡 भेड़ियों का क्रोध
        भेड़िये यह जानकर बहुत गुस्सा हुए कि उन्होंने धोखा खाया है। उन्होंने नीले सियार पर हमला किया और उसे अपने समूह से भगा दिया।

🌟 सीखा सबक
अकेले जंगल में लौटकर नीले सियार ने एक महत्वपूर्ण सबक सीखा। उसने समझा कि असली पहचान छुपाने से नुकसान होता है। वह पछताने लगा कि उसने ऐसा धोखा क्यों किया।

💡 शिक्षा-

सच्चाई और ईमानदारी सबसे महत्वपूर्ण होती है।
दिखावा और झूठ से कभी सफलता नहीं मिलती।
अपनी असली पहचान पर गर्व करें।

         🐟 चतुर मछली- मिथुन की कहानी

🌊 गाँव का तालाब और मिथुन
        बंगाल की खाड़ी के पास एक छोटे से गाँव में एक तालाब था।जिसमें मिथुन नाम की एक चतुर मछली रहती थी। मिथुन अपनी तेज़ सोच और बुद्धिमानी के लिए तालाब की बाकी मछलियों के बीच मशहूर थी। जब भी तालाब की मछलियों को कोई परेशानी होती। वे मिथुन से सलाह लेने आती थीं।

🛶 मछुआरों का आना
     एक दिन मछुआरों का एक समूह अपने जाल और नावों के साथ तालाब में पहुँचा। मछुआरों को देखकर मिथुन ने तुरंत खतरे को भांप लिया। उसने बाकी मछलियों को चेतावनी दी कि वे जाल से दूर रहें। लेकिन कुछ मछलियाँ बात नहीं मानी और मछुआरों के जाल में फँस गईं।

🤔 दोस्तों को बचाने की योजना
        मिथुन अपने दोस्तों को बचाने के लिए तुरंत एक योजना बनाने लगी। वह मछुआरों की नाव के पास गई और पानी की सतह पर मरी हुई मछली का नाटक करने लगी। मछुआरों ने जब मिथुन को देखा। तो वे खुश हो गए क्योंकि वह बड़ी और अनोखी मछली थी।

🐟 मिथुन की चालाकी
       जैसे ही मछुआरों ने मिथुन को नाव पर रखा। वह अचानक कूदने लगी और इधर-उधर भागने लगी। उसकी हरकतों से मछुआरे हैरान और परेशान हो गए। इस अराजकता में जाल ढीला हो गया और बाकी मछलियाँ तालाब में वापस भाग गईं।

🎉 दोस्तों की खुशी
मिथुन की इस चालाकी ने मछुआरों को हार मानने पर मजबूर कर दिया। अंत में मछुआरों ने उसे भी पानी में फेंक दिया। जैसे ही मिथुन वापस तालाब में पहुँची, उसकी सारी दोस्त मछलियाँ खुश होकर उसके चारों ओर जमा हो गईं। उन्होंने अपनी जान बचाने के लिए मिथुन को धन्यवाद दिया।

🌟 नायिका की पहचान
उस दिन से मिथुन को तालाब की नायिका कहा जाने लगा। उसकी चतुराई और बहादुरी की हर जगह चर्चा होने लगी।

🛶 नए खतरे का सामना
कुछ समय बाद मिथुन ने मछुआरों को यह कहते सुना कि वे एक बड़ा और नया जाल लाने वाले हैं। मिथुन ने तुरंत सभी मछलियों को इकट्ठा किया और उन्हें जाल से बचने के तरीके सिखाए। उसने उन्हें ज़िगज़ैग तैरना और गहरे पानी में गोता लगाना सिखाया ताकि मछुआरे उन्हें पकड़ न सकें।

🐟 मछलियों की रक्षा
मिथुन की समझदारी के कारण मछलियाँ मछुआरों के जाल से बचने में कामयाब रहीं। मिथुन ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह तालाब की सच्ची नायिका है।

💡 अंतिम सीख
      मिथुन ने सभी मछलियों को सिखाया कि चाहे वे कितनी भी छोटी क्यों न हों। वे समझदारी और बहादुरी से बड़ी से बड़ी समस्या का सामना कर सकती हैं।

शिक्षा-
समझदारी और धैर्य से हर समस्या का समाधान होता है।हर किसी में महान बनने की क्षमता होती है।
टीमवर्क और ज्ञान से हर मुश्किल को हराया जा सकता है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

{\rtf1\ansi\ansicpg1252\deff0\nouicompat\deflang1033{\fonttbl{\f0\fnil\fcharset0 Calibri;}} {\*\generator Riched20 10.0.22621}\viewkind4\uc1 \pard\sa200\sl276\slmult1\f0\fs22\lang9 \par }